U.P. के हाथरस में बलात्कार और यातना के शिकार19 वर्षीय मनीषा बाल्मीकि की मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई।

U.P. के हाथरस में बलात्कार और यातना के शिकार19 वर्षीय मनीषा बाल्मीकि की मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई।



देश में निर्भया केस जैसा एक और मामला सामने आ चुका है। देश की बेटियों पर फिर से वही दरिंदो का साया फिर से मंडराया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में घटी घटना ने हर किसी को हैरत में डाल दिया है, आज से 8 साल पहले इसी प्रकार की दरिंदगी भरा अपराध हमें दिल्ली में देखने को मिला था। इस मामले के सामने आने के बाद एक बार फिर निर्भया केस की याद लोगों को आगई है।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बलात्कार और यातना के शिकार19 वर्षीय मनीषा बाल्मीकि की मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। पीड़ित को गंभीर चोटें आईं थी और उसका दिल्ली के आईसीयू में इलाज चल रहा था।

इससे पहले, पुलिस मंगलवार रात 12:30 बजे दिल्ली से लड़की के पैतृक गांव पहुंची, लेकिन परिवार वालों को शव नहीं सौंपा।  माता-पिता और भाई आखिरी बार बेटी का चेहरा देखने के लिए तरस गए, लेकिन परिवार के एक सदस्य की बात नहीं सुनी गई और ऱात 2:30 बजे लाश को जला दिया गया। आरोप है कि अंतिम संस्कार के दौरान पीड़ित परिवार का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था, लेकिन पुलिस ने खुद ही लाश को जला दिया।  इस मामले को लेकर गांव में तनाव है।रात में, जब एम्बुलेंस द्वारा पीड़ित के शरीर को गांव लाया गया, तो परिवार के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया।  वे शव को सौंपने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन अंतिम संस्कार की जल्दी में था।  परिजन भी एम्बुलेंस के सामने लेट गए।  इस दौरान प्रशासन और ग्रामीणों के बीच झड़प भी हुई।  आरोप है कि एडीएम ने परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया।  परिवार रात में अंतिम संस्कार नहीं करना चाहता था  क्योंकि हिंदू रीति रिवाज मैं रात को दाह संस्कार नहीं किया जाता, लेकिन शव को जबरन जला दिया गया पुलिस प्रशासन द्वारा। इस दौरान मीडिया को भी दूर रखा गया। लाश को जलाने के लिए पेट्रोल का इस्तेमाल करने की संभावना जताई जा रही है।

पीड़ित के भाई ने कहा, 'मेरी मां, बहन और बड़ा भाई घास काटने के लिए एक खेत में गए थे।  मेरा भाई घास की एक बड़ी गठरी लेकर घर गया और मेरी माँ और बहन घास काटती रहीं।  दोनों एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर थे।  तभी चार-पांच लोग पीछे से आए और मेरी बहन के दुपट्टे को उसके गले में बांधकर घसीटते हुए बाजरे के खेतों में ले गए।

आपको- बता दे कि 14 सितंबर 2020 को कुमारी मनीषा वाल्मीकि सुबह-सुबह खेतों में अपने मां के साथ काम करने के लिए  गई थी, उसी समय खेतों में चार युवक छुप कर बैठे हुए थे, इन चारों युवकों ने पहले से ही मन बना रखा था कि वह ऐसी हैवानियत करने वाले हैं। कुमारी मनीषा वाल्मीकि की उम्र 19 वर्ष की थी, मनीषा ने उन चारों दरिंदों से बचने का भरपूर प्रयास किया था, लेकिन उन चारों दरिंदों से ना बच पाई। बलात्कारियों ने मनीषा का यौन शोषण किया साथ ही साथ मनीषा की जिब, गले की हड्डी, को भी तोड़ दिया।

अपराधिक घटना सुनने में ही बेहद भयानक लगती है, तो आप सोच सकते हैं कि मनीषा पर क्या कुछ बीता होगा।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि यूपी पुलिस ने पहले उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन मामले में गुस्सा बढ़ने लगा, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने शुरुआत में हमारी मदद नहीं की। कोई कार्रवाई नहीं की गयी।  उन्होंने चार-पांच दिन बाद कार्रवाई की।

हालांकि, यूपी पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है।  हाथरस के पुलिस अधिकारी प्रकाश कुमार का एक वीडियो यूपी पुलिस ने जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'हमने एक आरोपी को जल्दी गिरफ्तार कर लिया और बाकी तीन के नाम उसके पास से मिले, जिसके बाद उऩहै भी गिरफ्तार कर लिया गया है।







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